उत्तराखंड स्थापना दिवस: एक समर्पण भरा त्योहार
राज्य का गौरव और समर्पण
उत्तराखंड राज्य की स्थापना 9 नवम्बर 2000 को हुई थी। इस दिन उत्तर प्रदेश से अलग होकर एक नया राज्य बना था और उसे उत्तराखंड का नाम दिया गया। इस दिन को हर साल उत्तराखंड दिवस के रूप में मनाया जाता है जब लोग अपने राज्य की स्थापना की खुशी में विभिन्न आयोजनों और कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।
उत्तराखंड, हर साल 9 नवम्बर को अपने स्थापना दिवस के रूप में मनाता है। इस दिन को “उत्तराखंड दिवस” के नाम से जाना जाता है, जिसमें लोग अपने राज्य की समृद्धि और सांस्कृतिक विरासत को याद करते हैं। यह दिन एक समर्पण भरे त्योहार के रूप में मनाया जाता है जिसमें स्थानीय लोग अलग-अलग समारोहों और कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।
उत्तराखंड दिवस का मुख्य उद्देश्य राज्य की स्थापना के दिन को याद करके लोगों को उनके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के प्रति जागरूक करना है। इस दिन का आयोजन विभिन्न स्थानों पर होता है, जिसमें स्थानीय कला, सांस्कृतिक गतिविधियों, और प्रदर्शनों को प्रमोट करने का प्रयास किया जाता है।
उत्तराखंड दिवस के मौके पर स्थानीय लोग अपने प्रिय राज्य के प्रति अपना समर्पण दिखाते हैं और एक-दूसरे के साथ अपने सांस्कृतिक धरोहर को साझा करते हैं। स्थानीय बाजारों में विभिन्न वस्त्र, आभूषण, और स्थानीय उत्पादों की बिक्री होती है, जिससे स्थानीय विकास को प्रोत्साहित किया जाता है।
उत्तराखंड दिवस के दिन, स्थानीय कला के कलाकार भी अपनी प्रतिभा को दिखाते हैं। संगीत, नृत्य, और नृत्य-नाट्य कार्यक्रमों में लोगों का मनोरंजन किया जाता है और साथ ही राज्य की विशेषता को आगे बढ़ाने का प्रयास किया जाता है।
इस दिन को मनाने का एक और महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है राज्य के विकास में योगदान करने वाले लोगों को सम्मानित करना। उत्तराखंड दिवस पुराने और नए योजनाओं को समर्थन देने का एक मौका भी प्रदान करता है ताकि राज्य और उसके लोग आगे बढ़ सकें।
राज्य की स्थापना का महत्व:
9 नवम्बर, 2000 को उत्तराखंड को एक अलग राज्य के रूप में मान्यता मिली थी, जब यह उत्तर प्रदेश से अलग होकर अपनी पहचान बनाने की यात्रा पर निकला। इस दिन को स्थापना दिवस के रूप में चुना गया, जिससे राज्य के नागरिक अपने राज्य के प्रति अपने समर्पण को महसूस कर सकते हैं और उसके सांस्कृतिक धरोहर को याद कर सकते हैं।
उत्तराखंड स्थापना दिवस का आयोजन:
इस दिन को राज्य भर में विभिन्न कार्यक्रमों और समारोहों से भरा जाता है। स्थानीय स्कूल और कॉलेजों में विभिन्न प्रतियोगिताओं और कला कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। लोग राज्य के प्रमुख स्थलों पर एकत्र होते हैं और भूमि पूजन, संगीत समारोह, और नृत्य दर्शनीय आयोजनों का आनंद लेते हैं।
सांस्कृतिक विरासत का समर्थन:
उत्तराखंड स्थापना दिवस एक ऐसा मौका है जब राज्य की विशेषता और सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा दिया जाता है। स्थानीय कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं और उत्तराखंड की भूमि के रंग-बिरंगे सांस्कृतिक पहलुओं को दिखाते हैं। इसके साथ ही, स्थानीय बाजारों में भी विभिन्न उत्तराखंडी उत्पादों की बिक्री होती है, जो राज्य के विकास में सहायक होती है।
उत्तराखंड राज्य की स्थापना 9 नवम्बर 2000 को हुई थी। इस दिन उत्तर प्रदेश से अलग होकर एक नया राज्य बना था और उसे उत्तराखंड का नाम दिया गया। इस दिन को हर साल उत्तराखंड दिवस के रूप में मनाया जाता है जब लोग अपने राज्य की स्थापना की खुशी में विभिन्न आयोजनों और कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।
उत्तराखंड राज्य की स्थापना को भारतीय सरकार ने किया था, जब यह उत्तर प्रदेश से अलग होकर एक अलग राज्य बना।
2022 के आंकड़ों के अनुसार, उत्तराखंड की जनसंख्या लगभग 1.2 करोड़ है।
हिंदी और संस्कृत राज्य की प्रमुख भाषाएं हैं, लेकिन कुमाऊं और गढ़वाली भी प्रचलित हैं।
हरियाली त्योहार, मकर संक्रांति, छ्ला-ज्याँग जैसे पर्व और त्योहार उत्तराखंड में मनाए जाते हैं।